क्या घर में रखना चाहिए राम दरबार? शास्त्र से जानें दिशा, नियम और लाभ

खरगोन. लगभग 500 वर्षों के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद आखिरकार 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान राम लला पुनः विराजमान हो पाए. इसके डेढ़ वर्ष बाद 5 जून को राम दरबार की भी यहां स्थापना की गई. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है की क्या अपने घर में भी राम दरबार स्थापित किया जाना चाहिए या नहीं? अगर राम दरबार की स्थापना करते हैं, तो किन नियमों का पालन करना होगा? और इससे क्या लाभ प्राप्त होगा?

 

अखिल भारतीय संत एवं पुजारी समाज के खरगोन जिला अध्यक्ष पंडित जगदीश ठक्कर बताते हैं कि, राम दरबार को घर में भी स्थापित किया जा सकता है, लेकिन उसकी मर्यादाओं का पालन करना बहुत जरूरी है. क्योंकि भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं. हालांकि घर में रामायण रखना भी शुभ होता है और माना जाता है कि रामायण के रूप में स्वयं रामजी विराजमान है. अगर रामायण का पाठ करे तो वह रामदरबार के समान ही होगा.

उत्तर, पूर्व, पश्चिम में होना चाहिए मुख

पंडित कहते है कि, अगर घर में राम दरबार स्थापित करना चाहते है तो दिशा का विशेष ध्यान रखें. रामदरबार उत्तर, पूर्व या पश्चिम मुखी ही होना चाहिए. यह तीनों दिशाएं शास्त्रों में बताई गई है. इसी प्रकार घरों में और मंदिरों में भगवान की सेवा करने के नियम भी अलग-अलग बताए गए है. घर में राम दरबार की स्थापना करते है तो इन नियमों का पालन अनिवार्य रूप से कहना होगा. सुबह सूर्योदय के पहले उठना चाहिए.

भगवान की लघु सेवा करें

नित्य कर्म करने के बाद स्नान करने पश्चात जब राम दरबार में जाएं तो तीन बार ताली बजाकर अपने भावों से भगवान को निंद्रा से जागना चाहिए. ध्यान रहे जब दरबार में जाएं तो मर्यादित वस्त्र धारण करके ही जाएं. इसके बाद भगवान को गंगाजल, नर्मदा जल या फिर कुंए इत्यादि के शुद्ध जल से स्नान करवाए. पुष्प अर्पित कर श्रृंगार करें, भावपूर्वक पूजा करें. भगवान को विभिन्न पकवानों का भोग लगाए. भगवान की आरती करें. यह भगवान की लघु पूजा है जिसे घर में करके भगवान की सेवा की जा सकती है.

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